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चलो भाई बजबज मंडली ने नया उपाय ढूँढ ही लिया है, ललित मोदी $$ वसुंधरा की बात करता हु. पहले महारानी कहती थी, मैंने दस्तखत किया ही नहीं, बाद में याद नहीं, कागज़ सामने आने के बाद हां मेरा ही है, अच्छा हुआ महारानी ने यह नहीं कहा है की, “किसी और ने मेरे दस्तखत किया है” सबसे मजे की बात भाजपा की है, हाँ पता नहीं लोगों को क्या समाज लिया है,
वसुंधरा अपने मुख्यमंत्री पद से हटेंगे नहीं, क्यों की उसने लास्ट पेज में ही दस्तखत किया है, सारे दस्तावेज़ में नहीं किया है, और महारानी ने दस्तावेज़ लिखा है उस में दस्तखत किया है, मगर लंदन की न्यायालय में जाकर नहीं कहा है न? इस में क्या गुना है, इस लिए महारानी अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दे सकतीं है, हम उनके सात है. वाह क्या बचाव पाइंट है यार, बजबज मंडली की तो बाद ही अलग है, तमिलनाडु में एक कहावत है, विवाह और अन्य समारोह में केले के पत्ते खाना परोसा जाता है, पत्ते में कभी कभी सुखा हुवा जानवरों की मल चिपक जाता है, विवाह समारोह बहुत व्यस्त होता है, तभी किस के पास यह जानवरों की मल चिपका हुआ पत्ता मिल जाता है, उस वक्त खाना परोसने वाला क्या कहता है, चलो यार मल को हटा ले, और भोजन करना शुरू कर?!!!??
क्या आप खा सकते है, भाजपा खाना बरसने वाला है, पत्ते में मल वशुन्धरा की दस्तखत है, हम भोजन करनेवाले है, क्या किया जाय??,
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