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अरे राम यह क्या किया?
अच्छे नौटंकी की के तारीफ़ के असर समाज में बहुत दीन रहता है, आपको याद करता हूँ, तमिल नाडू में नौटंकी की सहारे लोगों को जागृत करके अंग्रेजो को खिलाफ लोगों को एकत्र किया था. आजादी के बाद न.स.कृष्णन, एम्.आर.राधा जैसे बुद्धिवाद कलाकारों ने नौटंकी की के जरिये लोगों को अंधविश्वास और धर्म के नाम पर हो रहे, भेदभाव को लोगो तक पहुचाया इस के परिनाम तमिलनाडू इण्डिया में शिक्षण, आर्थिक और विज्ञान की क्षेत्रो में सफलता पूर्वक रहा है, और भी यहाँ जो राजनीति जागरूकता आया हैं वहा इस देश में और किसी राष्ट्र में नहीं है. यह नौटंकी का सफलतापूर्वक असर है.
मगर २१ जून को जो नौटंकी हुआ था उसका कोई जवाब नहीं हैं, इंडिया में आछ भी २० करोड़ लोगों को पेटभर खाना नहीं मिलता है, अच्छे दिन के नारे लेकर आया मोदी के भाजपा केलिए अच्छे दिन आया,मगर लोगों के अच्छे दिन वहीँ के वाही रह गया है, सरकार की खामिया को सभी के साथ मिलकर सफलतापूर्वक करने के विचार करना है, यही लोकतंत्र के मूल ढांचा है, मगर इस मूल ढांचा को और भी नुकसान करते हुआ लोगों का मजाक उड़ाया जा रहा है.
दिन सरकार की रवैया आम लोगों के विपरीत जा रहा है, मोदी ने ने किया किया एक पेपर लेकर लिखिए जन धन,भीमा और पेंशन इन योजना के अलावा कुछ आम लोगों केलिए क्या किया, और इन योजना से आम लोगों को क्या मिलनेवाली है,८०% जन धन खता अब बंद हो गया है. भीमा और पेंशन तो आम आदमी के रोजगार में क्या ला सकता है, जो लानेवाला MAREGA को किनारा कर दिया गया है. मोदी के कॉर्परेट मित्रो को तो देश के खजाना के चाबी दे दिया है.
अपने ना खामियों को लोगो लोगों से छुपाने केलिए एक नौटंकी है वह योग दिवस, मगर क्या करे इस नौटंकी की के असर तो एक दिन भी टिक नहीं पाया.
संघ के राम माधव ने उप राष्ट्रपति पर सवाल उठाया, तो इसके विपरीत मोदी के नौटंकी फेल हो गई. चलो यार देखेंगे और भी नौटंकी मगर एक बाद है, राम के नाम से प्रधानमंत्री कुर्सी तक आनेवाले भाजपा और मोदी साथ मिलकर यह कहते है अरे राम यह क्या किया?
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